दलितों पिछड़ों एवं कामगारों के अधिकार नहीं सुरक्षित ध्यान दें केंद्र व प्रदेश सरकार - भवन नाथ पासवान 


आज दिनांक 8 मई 2020 को डॉ अंबेडकर राष्ट्रीय एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष भवन नाथ पासवान ने कोरोना संकट के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा अपने पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं से वार्ता की और विभिन्न मुद्दों पर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जिससे समाज के तमाम कार्यकर्ताओं ने हरियाणा कैडर की आईएएस अधिकारी रानी नागर के उत्पीड़न का प्रकरण उठाया और मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष से अनुरोध किया प्रकरण से संबंधितों को पिछड़े समाज के आक्रोश से अवगत कराया जाए । हर हालत में रानी नागर को न्याय मिलना चाहिए और उत्पीड़न के जिम्मेदार आरोपितों को सजा दी जाए । अगर रानी नागर को न्याय नहीं मिलता है तो लॉक डाउन समाप्त होते ही देशभर में डॉअंबेडकर राष्ट्रीय एकता मंच के पदाधिकारी और कार्यकर्ता आंदोलन करेंगे और सड़क पर उतरेंगे पिछड़े गुर्जर समाज की किसी महिला अधिकारी के साथ उत्पीड़न केंद्र सरकार के "बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ" नारे का उपहास है केंद्र सरकार को चाहिए कि इस पर हस्तक्षेप करें । मंच के प्रदेश अध्यक्ष आशाराम सरोज ने यह अवगत कराया कि उत्तर प्रदेश शासन ने बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर द्वारा 1937 के कामगारों का उत्पीड़न रोकने के लिए जो श्रम कानून बनाया गया था और जिसके तहत कामगारों के आर्थिक और शारीरिक शोषण पर नियुक्ताओं पर दंडित करने का प्रावधान था एक अध्यादेश द्वारा 1000 दिनों के लिए बनाए गए कानून को स्थगित कर दिया गया है । जिसका डॉ अंबेडकर राष्ट्रीय एकता मंच घोर निंदा करता है । मंच उत्तर प्रदेश शासन से अनुरोध करता है कि कामगारों और मजदूरों के खिलाफ यह अध्यादेश तुरंत वापस ले अन्यथा उसके खिलाफ मंच सड़क पर उतरेगा । कर्नाटक के एक अनुसूचित जाति के जिला जज को सुपरसीड कर उनके अधीनस्थ जूनियर जज को हाई कोर्ट का जज बना दिया गया जब अनुसूचित जाति के जज ने अपने साथ होने वाले इस अन्याय के खिलाफ आवाज सर्वोच्च अदालत में उठाई तो सर्वोच्च अदालत ने उनकी अपील यह कहते हुए खारिज कर दिया कि कॉलेजियम द्वारा लिए गए निर्णय के विरुद्ध कोई सुनवाई नहीं होगी। इस तरह कॉलेजियम सिस्टम का विद्रूप चेहरा सामने आया । यह स्पष्ट हो जाता है कि कोलोजियम सिस्टम में जाति और वंशवाद हावी है । सर्वोच्च अदालत के जज भी देश के संचित कोष से ही अपना वेतन और भत्ता प्राप्त करते हैं मंच आशा करता है कि न्यायपालिका अपने गरिमामय मर्यादा का ध्यान रखें । मंच के राष्ट्रीय महासचिव इंजी० एस पी सिंह ने राष्ट्रीय अध्यक्ष से अनुरोध किया की मंच के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए आवश्यक कार्यवाही करें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सर्व श्री के पी राहुल धर्म प्रचारक, ओपी गौतम राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिल्ली, राधेश्याम राम राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, राम सिंह प्रदेश प्रभारी उत्तर प्रदेश, फतेह बहादुर सिंह प्रदेश प्रभारी उत्तराखंड, कर्णम किशन प्रभारी दक्षिण भारत, डॉ अनिल कुमार प्रदेश संयोजक उत्तर प्रदेश, सुरेश पासवान प्रदेश अध्यक्ष झारखंड, श्रीचंद सरोज प्रदेश संयोजक छत्तीसगढ़, मिठाई लाल सरोज मुंबई, श्रीमती अंगूरी धारिया प्रदेश अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ, श्रीमती संजू चौधरी प्रदेश अध्यक्ष पश्चिम बंगाल, श्रीमती मनीषा मून प्रदेश अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ दिल्ली, डॉ आरबी सरोज प्रदेश सह संयोजक दिल्ली, राम आसरे पटेल एडवोकेट प्रदेश उपाध्यक्ष उत्तर प्रदेश, मोहम्मद हनीफ खान प्रदेश महासचिव उत्तर प्रदेश भास्कर पासवान संयोजक अधिवक्ता मोर्चा, विश्वराजनी बौद्ध संयोजक महिला प्रकोष्ठ, सुभाष पासी प्रदेश संयोजक, शैलेश कुमार धनुक प्रदेश संगठन मंत्री, राम विरज रावत प्रदेश संयोजक, प्रवेश कुमार प्रदेश संयोजक छात्र एवं किसान मोर्चा, राम सजीवन मंडल अध्यक्ष, आदित्य कुमार वर्मा, राकेश चंद्र राणा सहित आदि लोग चर्चा में शामिल रहे।