अमृतवेला का महत्व
अमृतवेला वह सुन्दर समय है जब हम अपने सबसे सच्चे मित्र, सम्बंधी या प्रेमी से दिल की बात कर सकते हैं और वह और कोई नहीं बल्कि परमपिता परमात्मा हैं! यह वह सुहाना समय है जब पूरा वायुमंडल स्वच्छ होता है, यहां स्वच्छता का मतलब केवल बाहरी साफ़ सफाई से नहीं है बल्कि यह समय आन्तरिक सफाई से भी भरपूर होता है जिसके कारण ब्रह्माण्ड की उस सर्वश्रेष्ठ पवित्र उर्जा ( God ) से connection जोड़ना सहज हो जाता है कैसे ? आइए जानते हैं•••
हम जैसा सोचते वैसा ही हमारे आस पास का वायुमंडल बनता है क्योंकि हमारी सोच वास्तव में एक उर्जा है जो हम लगातार स्वय से ब्रह्मांड में प्रवाहित कर रहे हैं ! यह उर्जा हम सब अनुभव करते हैं जैसा कि हमने पहले भी देखा कि शब्दों में उर्जा है इसीलिए हम उनको सुनकर अच्छा या बुरा अनुभव करते हैं और उन शब्दों का आधार और कुछ नहीं बल्कि हमारी सोच है , वास्तव में हमारे मुख से वही शब्द उच्चारण होते हैं जो हमारी सोच में हैं अर्थात हमारे शब्दों का आधार हमारे संकल्प हैं और हम बोले या न बोलें जो हम सोच रहे हैं वह उर्जा (vibration) के रूप में हमारे द्वारा ब्रह्मांड में लगातार प्रवाहित हो रहा है!
संसार की वो मनुष्य आत्माएँ जो ईश्वर को नहीं मानती या उसके अस्तित्व पर संदेह करती हैं वे रात भर जाग कर अपनी तामसिक तृष्णा को शान्त करती हैं और सुबह 2, 3 या 4बजे वे सो जाती हैं और सोते हुए उनके संकल्प विकल्प उतनी तीव्र गति से प्रवाहित नहीं होते जितना जागृत अवस्था में होते हैं! परंतु इसके विपरीत जो मनुष्य आत्माएँ ईश्वर से प्रेम करती हैं या सत्य और अहिंसा को जीवन का आधार मानती हैं वे 2 से 5 बजे का समय प्रभू मिलन के लिए या अच्छे चिन्तन के लिए प्रयोग करती है अतः इस समय उनके मन में उठने वाले सकारात्मक व पवित्र संकल्पों की उर्जा हमारे आस पास के पूरे वायुमंडल को charge कर देती है और इस समय जीवन की बाहरी गतिविधियां भी शान्त होती हैं जिससे बाहरी तथा आन्तरिक वायुमंडल दोनो ही स्वच्छ और शान्त अनुभव होते हैं हैं तभी इस समय उठने वाले लोगों का मन और तन दोनो सदा स्वस्थ रहते है इसिलिए कहा जाता है
' Early to bed and early to rise makes a man healthy wealthy and wise '• हमने यह भी देखा है कि हमारे बड़े हमें पढने के लिए इसी समय उठाया करते थे क्योंकि वे इस समय का महत्व जानते थे ! परंतु जैसे जैसे जीवन में आधुनिकता का समावेश होता गया यह प्रथा भी समाप्त हो गई अब विद्यार्थी
late night studies पसंद करते हैं क्योंकि अब हम सब इस समय के महत्व के वैज्ञानिक तथ्य भूल चुके हैं उन तथ्यों में से कुछ इस प्रकार हैं •••
1• Actually पृकृति के हर प्राणी के अन्दर एक inbuilt biological clock है जो इसी समय पर activate होता है, इस biological clock के activation से हमारे शरीर में निर्मित होने वाले useful chemicals / hormones आदि का रिसाव प्रचूर मात्रा में इसी समय आरम्भ होता है जिससे तन स्वस्थ रहता है और स्वस्थ तन में मन अर्थात आत्मा भी खुश रहती है! इस biological clock को पशु,पक्षी कभी नहीं बिगाड़ते अतः हम पाते हैं कि वे सब सूर्य उगने से पहले ही उठ जाते हैं परंतु बिडंबना यह है कि मनुष्य प्रकृति का सर्वश्रेष्ठ प्राणी होने के बावजूद इसको अपने आलस्य व अन्य विकारों के वशीभूत हो कर बिगाड़ चुका है जिसके कारण उसके शरीर में विभिन्न प्रकार की बीमारियां पनप रही हैं ***मधुमेह , diabetes नामक बिमारी इसका एक जाना माना उदाहरण है! आज हमारे जीवन की कोई भी समस्या ••• शारिरीक,मानसिक,आर्थिक या कोई अन्य परिस्थिती वास्तव मे हमारी खुद की ही उपज है जो हमने अज्ञानता वश पाई है!
* अमृतवेला के समय हमारे शरीर में happy hormones
(Endorphins) secrete होते हैं जो मनुष्य की बिना कारण खुशी अर्थात self confidence का आधार बनते हैं!
*अमृतवेला उठने वाले लोगों के शरीर की बनावट सुन्दर होती है क्योंकि इस समय उठने से शरीर का BMR (basic metabolic rate) maintain रहता है! ऐसे लोग कभी भी बहुत पतले या मोटे नहीं होते!
*अमृतवेला उठने वाले लोग उम्र से कम दिखते हैं क्योंकि शरीर में हर chemical का रिसाव balanced होने लगता है! Early ageing is the result of internal and external imbalance!
इसके इलावा भी अमृतवेला के और कई फायदे हैं या यूँ कहें कि यह वरदानि बेला है जब खुद और खुदा से अपने और अपनो के लिए कुछ भी मांग सकते हैं! परंतु इस समय का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इस समय भगवान अपने चाहने वालों से खुद मिलने आता है,चाहे वो उसे किस भी रूप में याद कर रहे हों, लेकिन है तो वो एक ही न ? इसलिए मन्दिरों में आरती, मस्जिदों में अज़ाँ, गुरुद्वारों में गुरवाणी अर्थात हर धर्म में उस एक को याद करने का यही समय निर्धारित है,क्योंकि हम सब उसी एक ईश्वर के बच्चे हैं और यह धरा एक रंगमंच है यहां हम खेलने आए हैं, परंतु जीवन रूपी खेल में अब हम सब थक चुके हैं इसलिए इस समय उसको याद करके स्वय में उर्जा भरते हैं ताकि जीवन का बचा हुआ खेल सुन्दर ढंग से खेल कर खुशी खुशी घर वापिस जा सकें!