शाखा प्रबंधक के खिलाफ अधिवक्ता ने प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री तथा बैंक के चेयरमैन से लिखित रूप से की शिकायत 


 


लखीमपुर-खीरी---(नुरुददीन  )   भारतीय स्टेट बैंक की शाखा मितौली के खिलाफ उच्च न्यायालय के अपर शासकीय अधिवक्ता ने प्रधानमंत्री, फाइनेंस मिनिस्टर व बैंक के चेयरमैन से लिखित शिकायत की है।उच्च न्यायालय लखनऊ में अप अशासकीय अधिवक्ता का कार्यभार देख रहे,मितौली क्षेत्र के संडीलवा निवासी जयंत सिंह तोमर ने बताया की उन्होंने पिछले महीने मितौली स्टेट बैंक अपने लड़के को खाता खुलवाने के लिए भेजा था।जहां उसके साथ बैंक कर्मियों ने भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाते हुए सौतेला व्योहार किया।इस दौरान शाखा प्रबंधक ने स्टाफ की कमी का हवाला देते हुए अगले सोमवार आने के लिए कहा, इतना ही नहीं उन्होंने अपर्याप्त दस्तावेज भी बताएं जबकि उसके पास पर्याप्त कागज थे।बावजूद इसके शाखा प्रबंधक ने उसे उससे कहा कि सोमवार से पहले खाता नहीं खुल पाएगा शासकीय अधिवक्ता का आरोप है कि, शाखा प्रबंधक चेतराम ने कहा कि उन्हें खाता खोलना नहीं आता है। कर्मचारी के आने पर ही खाता खुलेगा इतना ही नहीं बैंक में नया खाता खुलवाने पर उपभोक्ता से जबरन बीमे का पैसा लिया जाता है।अगर उपभोक्ता इस बात की शिकायत करता है तो उसे नए खाते खुलवाने पर बीमा कराना अनिवार्य बताया जाता है।जबकि ऐसा कोई प्राविधान नहीं है। ₹1000 से खाता खुले खाते पर ₹1000 का बीमा काटकर जीरो बैलेंस की किताब प्रिंट कर उपभोक्ताओं को दे दी जाती है। बैंक में मनमानी रूप से उपभोक्ताओं के साथ सौतेला व्यवहार किया जाता है। समय से आए हुए ग्राहकों को पूरे दिन बैंक में चक्कर काटने के बाद नेटवर्क व सरवर का हवाला देते हुए शाम को बेरंग वापस कर दिया जाता है। बैंक का एटीएम अक्सर बंद रहता है।दरवाजे पर  नो सरवर का बोर्ड लगाकर बैंक कर्मचारी बैंक के अंदर दिनभर गप्पे हांकते रहते हैं।उन्होंने बताया कि उनके द्वारा बैंक के उपरोक्त इन्ही सब लचर रवैए को लेकर भारत के प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री तथा बैंक के चेयरमैन से लिखित रूप से शिकायत की गई है।और अब उन्हें बैंक स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई का इंतजार है।अगर कार्रवाई में कोई हिला हवाली हुई तो वह अन्य विधिक कार्रवाई भी करेंगे।इस सम्बंध में जब शाखा प्रबंधक चेतराम से बात की गई तो उन्होंने इन सब बातों का खंडन किया है।