लखीमपुर खीरी--( संजय शर्मा / नुरुददीन ) पलिया कला नगर में रेलवे बंद को लेकर जब से ऐलान हुआ एवं अखबारों में खबर छपी है तब से व्यापारी व समाजसेवी नगरवासी काफी परेशान हैं। जगह-जगह क्षेत्रों से लोगों आकर अपना विरोध जता रहे हैं इसी विरोध को देखते हुए नगर के समाजसेवियों एवं व्यापारियों ने अपने अपने स्तर से ज्ञापन सौंपा है जिसमें सभी लोगों ने अपना-अपना दुख प्रकट करते हुए बताया है कि दैनिक अखबार में छपी खबर पढ़कर मुझे यह ज्ञात हुआ है कि शायद जनवरी (2020) के अंत तक मैलानी से नानपारा तक यात्री ट्रेनों का संचालन हमेशा के लिए बंद हो जाएगा या खबर ना सिर्फ हैरान परेशान करने वाली थी बल्कि या बेहद आश्चर्यचकित करने वाला भी था जिससे व्यापारी और समाज सेवी एवं नगर वासियों ने खासा रोष व्यक्त किया है वहीं कुछ लोगों ने यह भी बताया है कि फैसला रेल रेलवे ने लिया है क्योंकि वन विभाग ने जंगल के अंदर से ट्रेनें का संचालन बंद करने के लिए हाई कोर्ट में रिट दायर की थी जिस कारण यह 125 साल पुरानी 170 किमी रेल मार्ग जो कि दो जिलों की करीब 50-60 लाख लोगों की उन्नति तथा जीवन की रेखा थी वह हमेशा के लिए मिटा देना चाहते हैं। वही श्यामा प्रसन्न सेन ने बताया है कि मैं एक मानव अधिकार का एक्सपर्ट होने के नाते 50- 60 लाख लोगों की जिंदगी को नर्क बनते नहीं देख सकता। जिसके लिए मंडल रेलवे प्रबंधक से मैंने विशेष अनुरोध किया है कि मुझे रेल की तरफ से गवाही के लिए कोर्ट में बुलाया जाए ताकि मैं अपनी रिसर्च तथा सारी वीडियो एवं फोटोग्राफी विद एविडेंस रेलवे के पक्ष में रख सकूं ताकि यात्री ट्रेन अभी ना बंद हो सके तथा जानवरों का जंगलों को भी कोई नुकसान ना हो इसके लिए मंडल रेल प्रबंधक लखनऊ मंडल के नाम से एक ज्ञापन स्टेशन अधीक्षक को सौंपा है।
मैलानी से नानपारा तक की ट्रेन बंद को लेकर पलिया के व्यापारी व समाजसेवी हुए लामबंद