>कथा कलयुग में कामधेनु के समान है - आचार्य विनोद शुक्ल 


बांदा-


अनिल सिंह गौतम


 


               बांदा के मां सती जावित्री जी के मंदिर प्रांगण जारी में श्री श्री 108 दण्डी स्वामी श्री शिवाश्रम जी महाराज के सानिध्य में श्री मद् भागवत की कथा सुनाते हुये आचार्य पं. श्री विनोद शुक्ल जी महाराज ने कहा कि कथा कलयुग में कामधेनु के समान है। कलिकाल में राम नाम स्मरण एवं भागवत कथा के श्रवण मात्र से ही मानव कष्टों से छुटकारा पा सकता है।सभी कार्य के पीछे कोई न कोई कारण आवश्य होता है किन्तु परमात्मा की कृपा अकारण होती है।राम कथा को आत्मसात करने का सही अर्थ है कि कर्म की शुद्धता पर बल दिया जाये, जितनी कर्म की शुद्धता होगी, भगवान उतनी ही व्यक्ति पर कृपा करेंगे। कर्म करना व्यक्ति के वश में है इसलिए व्यक्ति को कर्म करते रहना चाहिए और सब कर्मों को राम (परमात्मा) के अधीन छोड़ देना चाहिए।
कहा जाता है कि जब-जब धर्म की हानि होती है, के लिए भगवान अवतार लेते । तब सज्जनों का कल्याण ,संसार का कल्याण करने और राक्षसों का वध करने के लिए भगवान अवतार लेते हैं।श्रीकृष्ण का अवतार तब होगा जब आप सत्य निवेशी बनेंगे। अर्थात आपको सत्य की साधना करनी पड़ेगी। मां देवकी ने सत्य की साधना की। सत्य की साधना कष्टदायी हो सकती है, लेकिन इसके फल के रूप में हमें श्रीकृष्ण ही  प्राप्त होंगे। वह हमारे जीवन को आनंद से भर देंगे।
कथा में कृष्ण जन्मोत्सव में बडी संख्या में श्रद्धालु उमड पडे।कथा के दौरान फल, फूल, गुब्बारों व टॉफियों से सजे सत्संग हॉल में कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। कृष्ण जन्म होते ही संपूर्ण सत्संग हॉल कन्हैयालाल की जयकारो से गुंज उठा तथा चहुंंओर पुष्पवर्षा की गई।
जैसे ही भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की कथा के साथ मंचन किया गया वैसे ही सत्संग पंडाल कृष्ण की जय-जयकार से गूंज उठा। ।नंद घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की भजन की प्रस्तुति पर सत्संग हॉल में मौजूद श्रद्धालु झूमकर नाचने लगे।वातावरण भक्तों के आनंद से स्वयं आनंदित था तो हजार कंठो से निकली आवाज से पूरा आकाश गुंजायमान था।
भागवत ज्ञान यज्ञ में पाठ व पूजन आचार्य पं. राजन शुक्ला जी महाराज, एवं श्याम जी महाराज, के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में संगीत मंच पर शिवबिलास द्विवेदी आर्गन में, विनीत त्रिवेदी पैड में, कुलदीप त्रिपाठी  तबला वादन, ने भजनो के माध्यम से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिया।