☞ ज्ञान जब भोजन मे प्रवेश करता है,
भोजन " प्रसाद " बन जाता है ।
☞ ज्ञान जब भूख मे प्रवेश कर जाता है,
भूख " व्रत " बन जाता है ।
☞ ज्ञान जब पानी मे प्रवेश कर जाता है,
पानी " अमृत " बन जाता है ।
☞ ज्ञान जब सफर मे प्रवेश कर जाता है,
सफर " यात्रा " बन जाता है ।
☞ ज्ञान जब संगीत मे प्रवेश कर जाता है,
संगीत " भजन " बन जाता है ।
☞ ज्ञान जब घर मे प्रवेश कर जाता है,
घर " मंदिर " बन जाता है ।
☞ ज्ञान जब कार्य मे प्रवेश कर जाता है,
कार्य " कर्मयोग " बन जाता है।
☞ ज्ञान जब क्रिया मे प्रवेश कर जाता है,
क्रिया " सेवा " बन जाती है ।
★ ओर....
☞ ज्ञान जब व्यक्ति मे प्रवेश कर जाता है,
व्यक्ति " देवता " बन जाता है।