-प्यार का संकल्प करते ही मस्तिष्क से एक विशेष प्रकार के रसायन का रिसाव होने लगता है ।
-यह रिसाव मनुष्य के मस्तिष्क में सुखों के केंद्र को उतेजित करता है ।
- जब बच्चे पर मुसीबत आती है तो प्यार के कारण मातायें शेर और चीते जैसे जानवरों से भिड़ जाती है ।
-प्रेम के कारण, क्रांतिकारी खुशी खुशी फांसी के फंदे पर झूल गये ।
-श्री गुरु अर्जुन देव को मुगलों ने गर्म लौह पर बैठा दिया, उसके सिर पर गर्म रेत डाली फिर भी उनमें डर भय नहीं था यह ईश्वरीय प्रेम से उत्पन्न बल था । वह कहते रहे तेरा भाना मीठा लागे ।
-प्रेम एक फूल की तरह है ।
-अगर आप के हाथ में कोई फूल है तो सावधानी से चलना चाहिये ।
-जब हम मन में प्रेम के विचार रखते है तो एक अढ्भुत खुशबू निकलती है जो हमारे आसपास रहने वाले लोग समझ जाते है ।
-प्रेम एक अजीब मिठास है । एक अजीब सौंदर्य है, एक अजीब सी शीतलता है ।
-प्रेम से भरे मन में तरंग उठने लगती है ।
-प्रेम की शक्ति परिवर्तन लाती है ।
-सोचने का तरीका बदल जाता है, महसूस करने का तरीका बदल जाता है, आप की बीमारियां ठीक हो जाती है, दुश्मनी और नफरत निकल जाती है, अदम्य साहस आ जाता है ।
-स्नेह सबसे शक्तिशाली तरंग है ।