भारत के मुसलमान इस देश के नागरिक थे, हैं और रहेंगे : राज्यसभा में बोले अमित शाह
नई दिल्ली:
लोकसभा से नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बाद बुधवार को इसे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे राज्यसभा में पेश किया। . दोपहर 12 बजे यह बिल राज्यसभा में पेश किया गया। . अमित शाह ने कहा कि कई लोग यह संशय पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं कि नागरिकता संशोधन विधेयक से भारत के मुस्लिमों की नागरिकता छिन जाएगी। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। इस देश के मुस्लिम भारत के नागरिक थे, और रहेंगे।
अमित शाह ने कहा कि लोकसभा से यह बिल पास होने के बाद लगातार यह भ्रांति फैलाई जा रही है कि यह बिल अल्पसंख्यकों के खिलाफ है। यह बिल विशेषकर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है। . मैं यह आश्वस्त करना चाहता हूं कि इस बिल में भारत के अल्पसंख्यकों के खिलाफ कुछ नहीं है। मुस्लिमों की नागरिकता की चिंता का कोई सवाल ही नहीं है। वो नागरिक थे और रहेंगे। . उन्हें कोई प्रताड़ित नहीं करेगा।
विपक्षी दलों से सवालिया लहजे में उन्होंने पूछा कि आप किसकी चिंता कर रहे हो। क्या आप चाहते हो कि पाकिस्तान से भी जो मुसलमान आएं उन्हें भी नागरिक बना दिया जाए। बांग्लादेश के जो मुसलमान हैं उन्हें भी नागरिकता दे दी जाए। क्या अफगानिस्तान से जो नागरिका आए क्या उसे भी नागरिकता दे दी जाए। तो क्या कहना चाहते हैं कि पूरी दुनिया से जो भी मुसलमान आएगा हम उसे नागरिकता दें। किस तरह से देंगे। देश ऐसे नहीं चलता। यह बिल एक निश्चित वर्ग के लिए है जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में अपने धर्म के आधार पर प्रताड़ित किए गए हैं।
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