नरसिम्हा राव के पोते एनवी सुभाष ने मनमोहन सिंह के बयान को खारिज किया
नई दिल्ली :
एक दिन पहले एक कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह के सिख विरोधी दंगों को लेकर दिए गए बयान पर पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के पोते एनवी सुभाष ने गहरी आपत्ति जताई है. एनवी सुभाष ने कहा, पीवी नरसिम्हा राव के परिवार के सदस्य के नाते मैं पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह के बयान से इत्तेफाक नहीं रखता. उन्होंने कहा, मनमोहन सिंह के बयान से मैं दुखी महसूस कर रहा हूं. मनमोहन सिंह के बयान पर सवाल उठाते हुए एनवी सुभाष ने कहा, क्या कोई गृह मंत्री बिना राजीव गांधी के नेतृत्व वाले कैबिनेट की मंजूरी के स्वतंत्र रूप से फैसला ले सकता है. उन्होंने यह भी कहा, अगर वहां सेना बुला ली गई होती तो अनर्थ हो जाता.
इससे पहले बुधवार शाम को मनमोहन सिंह ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल की 100वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में कहा था, उन्होंने कहा, अगर उस समय राजीव गांधी की सरकार ने इंद्र कुमार गुजराल की सलाह मान ली होती तो 1984 के सिख विरोधी दंगे को टाला जा सकता था. मनमोहन सिंह ने कहा, इंद्र कुमार गुजराल ने तत्कालीन गृह मंत्री पीवी नरसिम्हा राव को इस बारे में कुछ सलाह दी थी.
उन्होंने कहा, इंद्र कुमार गुजराल ने 1984 के सिख विरोधी दंगों को रोकने के लिए सेना तैनात करने की सलाह दी थी, लेकिन तत्कालीन गृहमंत्री नरसिम्हा राव ने उनकी सलाह को नजरअंदाज कर दिया था. गुजराल ने सिख विरोधी दंगा भड़कने की रात को गृहमंत्री नरसिम्हा राव से मुलाकात की थी.
बता दें कि 1984 के सिख विरोधी दंगे पूर्व भारतीय पीएम इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली से शुरू हुए थे. 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की उनके दो सिख गार्ड ने हत्या कर दी थी. दिल्ली से शुरू होकर दंगे देश के कई हिस्सों में फैल गए थे. इन दंगों में दिल्ली में ही 2733 लोगों की जान गई थी।