मोदी बोले, कांग्रेस और उसके साथी नॉर्थ ईस्ट में कर रहे आग लगाने की कोशिश

  प्रधानमंत्री मोदी बोले, कांग्रेस और उसके साथी नॉर्थ ईस्ट में कर रहे आग लगाने की कोशिश
,नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड के धनबाद में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि राजनीति के लिए ही कांग्रेस और उसके साथी नॉर्थ ईस्ट में भी आग लगाने की कोशिश कर रहे हैं। वहां भ्रम फैलाया जा रहा है कि बांग्लादेश से बड़ी संख्या में लोग आ जाएंगे। जबकि ये कानून पहले से ही भारत आ चुके शरणार्थियों की नागरिकता के लिए है। मैं नॉर्थ-ईस्ट और पूर्वी भारत के हर राज्य, हर जनजातीय समाज को आश्वस्त करना चाहता हूं। असम सहित नॉर्थ ईस्ट के अलग-अलग क्षेत्रों की परंपराओं, वहां की संस्कृति, वहां की भाषा को मान-सम्मान देना, उसे संरक्षण देना, उसे और समृद्ध करना, भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि बाबू राम नारायण सिंह जी, जयपाल मुंडा जी और बिनोद बिहारी महतो जी, जैसे सेनानियों के संघर्ष को कांग्रेस ने सम्मान नहीं दिया। उनकी आवाज को दबाने के लिए भी छलकपट का सहारा लिया।
धनबाद में पीएम नरेंद्र मोदी की रैली की खास बातें
1- मैं आज इस मंच से नॉर्थ ईस्ट के, विशेषकर असम के भाइयों-बहनों को, वहां के युवा साथियों को अपील करता हूं कि आप अपने इस सेवक पर, अपने इस मोदी पर विश्वास रखिए। मैं नॉर्थ ईस्ट के भाइयों बहनों की किसी परंपरा-भाषा-रहन सहन, संस्कृति पर आंच नहीं आने दूंगा।
2- आज जब ऐसे लाखों गरीब, प्रताड़ित, वंचित, शोषित, दलित परिवारों, सिख परिवारों को, ईसाई परिवारों को, भाजपा ने अपने वादे के अनुसार नागरिकता देने का कानून बनाया तो कांग्रेस और उसके साथी, उसका भी विरोध कर रहे हैं।
3- दस साल पहले जब अफगानिस्तान में तालिबान के हमले बढ़े, तो दर्जनों ईसाई परिवार भी किसी तरह अपनी जानकर बचाकर भारत ही आए थे। भारत इसलिए आए थे क्योंकि उनके भी पुरखे इसी धरती से जुड़े हुए थे। लेकिन इन लोगों का भारत में आने के बाद कांग्रेस की सरकार ने साथ नहीं दिया। जिस गरीबी, गंदगी और उपेक्षा की स्थिति में वो पाकिस्तान में थे, कांग्रेस की सरकारों ने यहां भी उनके साथ वही बर्ताव किया। लाखों साथी, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए। दशकों से वो भारत में रह रहे हैं। उनको राजनीति के लिए उपयोग तो किया गया, लेकिन उनको नागरिकता को लेकर सिर्फ वादे मिले। 
4- लेकिन भाजपा ने इस संघर्ष का भी सम्मान किया और इससे जुड़े सेनानियों का भी सम्मान किया। और जब भाजपा को पहली बार दिल्ली में आपने अवसर दिया, तो आपसे किया गया अलग झारखंड का वादा भी अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार ने पूरा कर दिया। बाबू राम नारायण सिंह जी, जयपाल मुंडा जी और बिनोद बिहारी महतो जी, जैसे सेनानियों के संघर्ष को कांग्रेस ने सम्मान नहीं दिया। उनकी आवाज को दबाने के लिए भी छलकपट का सहारा लिया।
5-31 दिसंबर 2014 तक जो भारत आए उन शरणार्थियों के लिए ही ये व्यवस्था है। इतना ही नहीं नॉर्थ ईस्ट के करीब-करीब सभी राज्य इस कानून के दायरे से बाहर हैं। लेकिन फिर भी कांग्रेस और उसके सहयोगी दल जिनकी राजनीति घुसपैठियों के समर्थन से चलती है वो वहां भ्रम फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। 
6- कांग्रेस और उसके साथियों की डिक्शनरी में कभी जनहित नहीं रहा, उन्होंने हमेशा स्वहित के लिए, परिवार हित के लिए काम किया। इनकी राजनीति रही है- लूटो और लटकाओ। यही कारण है कि काले सोने पर बैठा ये धनबाद और ये पूरा इलाका संपदा से जितना समृद्ध है, उतनी ही अधिक गरीबी यहां बनी रही।


7-यहां से निकले कोयले पर कांग्रेस-JMM के नेताओं ने, इनके रिश्तेदारों ने, दोस्तों ने अपने लिए महल खड़े कर दिए, लेकिन यहां की जनता को झोंपड़ियों में रहने के लिए मजबूर कर दिया। अब भाजपा सरकार ने हर गरीब-बेघर परिवार को अपना पक्का घर दिलाने का बीड़ा उठाया है।
8-कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने अगर धनबाद को, देवघर को, झारखंड को, कुछ दिया है, तो वो है - धूल, धुआं और धोखा। यहां से कोयला निकलता रहा, लेकिन यहां की जनता को प्रदूषण में छोड़ दिया गया, सुविधाओं के अभाव में छोड़ दिया गया।
9- कांग्रेस और उसके साथियों ने आपको विकास के लिए गिड़गिड़ाने और तरसाने के लिए छोड़ दिया था। इन दलों ने इस क्षेत्र को सिर्फ विस्थापन का दर्द दिया, लेकिन भाजपा सरकार ने विस्थापितों के रोजगार के लिए, इनके जीवन को गरिमापूर्ण बनाने के लिए प्रयास किया।
10-कांग्रेस और उसके साथियों के पास सोच और संकल्प दोनों की कमी है। इन्होंने यहां नक्सलवाद को हवा दी, यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान नहीं दिया। यही कारण है कि इनके शासन काल में यहां नए उद्योग तो आए नहीं, बल्कि पुराने भी बंद हो गए।