-मनोबल द्वारा अमीर बने
-समय प्रबंधन और सैर
- लोग सोचते हैं कि उनके पास शरीर के व्यायाम के लिए समय नहीं है, ऐसे लोगो को देर सवेर बीमारी के लिए समय निकालना ही पड़ेगा ।
-आज मानव दूसरों को खुश करने के लिए नौकरी करता है । खाना उसे पत्नी या बच्चों की पसंद का खाना पड़ता है । TV पर उसे दूसरों की पसंद के कार्यक्रम देखने पड़ते हैं । वह अपने लिए तो समय निकाल ही नहीं पाता ।
-अगर आप जीवन मे लौकिक या आध्यत्मिक सफलता चाह्ते है तो आपको हर दिन एक घंटा खुद के लिए समय निकालना ही होगा ।
- इस 1 घंटे में आपको अपने शरीर की देखभाल करनी चाहिए ।
-शरीर की बदौलत ही आप अपने सारे काम कर रहे हैं अगर यही स्वास्थ्य न रहे तो आप इस सुंदर संसार का आनंद कैसे ले पाएंगे ।
-यही तो वह मुर्गी है जो रोज आपको सोने के अंडे देती है और आप हैं कि इसी का पेट चीरने पर आमदा है।
- आप सुबह से शाम तक स्वादिष्ट और अस्वास्थ्यकर चीजें खाते रहते हैं जिनकी शरीर को जरूरत ही नहीं होती और जिस की जरूरत होती है उसे आप कभी करते नहीँ ।
- अगर शरीर का ध्यान रखने के लिए समय नहीं निकाला तो बाकी समय और जीवन भी खतरे में पड़ जाएगा इसलिए इस सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए आपको अपने व्यायाम के लिए समय निकालना होगा ।
- यह एक निवेश है जिस का कई गुना फल मिलेगा । इस एक घंटे में आपको अपने शरीर की देखभाल करनी है ।
- योगा क्लास या जिम जाना है अपने शरीर की मालिश करनी है स्वास्थ्य पर ध्यान देना है इससे आपका स्वास्थ्य अच्छा रहता है। बीमारी पर कीमती समय नष्ट नहीं होगा और दिमाग में भी चुस्ती आ जाती है । आलस्य दूर हो जाता है और अपने कार्य पूरे जोश से करने में जुट जाते हैं ।
-यदि आप पैदल चलकर व्यायाम कर रहे हैं तो इसके लिए आपको दूरी और समय का सही मिश्रण करना होगा । आदर्श घूमना होता है 50 मिनट में 5 किलोमीटर । पैदल चलने के लिए सही समय सूर्य निकलने के पहले रहता है क्योंकि उस समय वातावरण में प्रदूषण नहीं होता और ताजा आक्सीजन आपके फेफड़े और दिमाग में पहुंचकर आपको ताजगी से भर देती है।
- छत की मरम्मत करने का समय तब होता है जब सूर्य चमक रहा होता है। बुढ़ापे मे नही जवानी मे ही सैर शुरू करनी चाहिये ।
- आध्यात्मिक रुझान वाले व्यक्ति कई बार शरीर को बेकार मानने के शिकार हो जाते हैं जिस से उन्हे तरह तरह के रोग लग जाते हैं । महान लोगो को कैंसर आदि की बीमारी के कारण देह तक त्यागनी पड़ी जिस से संसार को भारी क्षति सहनी पड़ी ।
- शरीर और आत्मा एक दूसरे से जुड़े हैं । शरीर वा मन एक दूसरे को प्रभावित करते हैं । यदि मन अस्वस्थ है तो शरीर को भी खराब होते देर नहीं लगेगी इसी प्रकार यदि शरीर रोग ग्रस्त हैं तो मन में भी गिरावट होगी । अगर शरीर मे रोग है तो आप सिद्ध पुरुष नही बन सकेगे । आप का योग नही लगेगा ।
-शरीर मे रोग आ गया तो न ख़ाने का सुख न सोने क सुख न ही कोई कार्य कर सकेगे और आप की खून पसीने की कमाई डॉक्टर खायेगे । अगर आप धनवान बनना चाहते है तो शरीर को निरोगी रखो ।
-शरीर को निरोगी रखने का सहज साधन है, कम से कम 6 घंटे विश्राम करना है, हर रोज कुछ न कुछ नया पढ़ना है, हर कार्य करते हुये ध्यान का अभ्यास करना है और एक घंटा व्यायाम जरूर करना है । आप को पोषण पर ध्यान देना है कभी फास्ट फूड नही लेना और व्यायाम के लिए प्रतिबद्ध रहना है।