दुधवा टाइगर रिजर्व प्रभाग पलिया खीरी की पर्यटन रेंज में ग्रास लैंड मैनेजमेंट विषय पर 02 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया
पलियाकलां-खीरी--दुधवा टाइगर रिजर्व प्रभाग पलिया खीरी की पर्यटन रेंज में मुख्य वन संरक्षक एवं फील्ड निदेशक दुधवा टाइगर रिजर्व लखीमपुर खीरी की उपस्थिति में ग्रास लैंड मैनेजमेंट विषय पर 02 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में डॉ राजेंद्र कुमार पांडे वैज्ञानिक राज्य वन अनुसंधान संस्थान जबलपुर तथा रविकांत मिश्रा मुख्य वन संरक्षक मध्य प्रदेश ग्रास लैंड की पहचान एवं वैज्ञानिक प्रबंधन विषय पर व्याख्यान देने हेतु उपस्थित रहे। कार्यशाला का प्रारंभ करते हुए संजय कुमार मुख्य वन संरक्षक एवं फील्ड निदेशक दुधवा टाइगर रिजर्व द्वारा कार्यशाला में पधारे विशेषज्ञों, दुधवा टाइगर रिजर्व के तीनों वन प्रभाग एवं पीलीभीत टाइगर रिजर्व प्रभाग से पधारे क्षेत्रीय वन अधिकारीयों, वन्य जीव प्रतिपालकों एवं ,उपप्रभागीय वन अधिकारियों का स्वागत उद्बोधन कर अतिथियों से परिचय कराया। कार्यशाला का शुभारंभ प्रधान मुख्य वन संरक्षक प्रोजेक्ट टाइगर द्वारा किया गया। गत वर्ष ग्रास लैंड प्रबंधन विषय पर की गई कार्यशाला में दिए गए सुझावों पर आशीष बिष्ट द्वारा अपने विचार व्यक्त किए गए। प्रतिभागियों द्वारा गत वर्षो में किए गए ग्रास लैंड प्रबंधन कार्यों के परिणाम पर चर्चा कार्यशाला में उपस्थित रहे क्षेत्रीय वन अधिकारियों द्वारा की गई। विशेषज्ञों द्वारा ग्रासलैण्ड प्रबंधन विषय पर परिचर्चा एवं सुझाव डॉक्टर आर के पांडे वैज्ञानिक राज्य वन अनुसंधान संस्थान जबलपुर तथा रविकांत मिश्रा मुख्य वन संरक्षक मध्य प्रदेश द्वारा किया गया। आज की कार्यशाला के अंत में प्रजातियों की पहचान तथा ग्रासलैण्ड प्रबंधन की तकनीकों हेतु दक्षिण सोनारुपुर रेंज के गैण्डा क्षेत्र का भ्रमण किया गया। कार्यशाला में मनोज कुमार सोनकर उपनिदेशक दुधवा टाइगर रिजर्व प्रभाग पलिया खीरी, डॉक्टर अनिल कुमार पटेल उपनिदेशक बफर जोन दुधवा टाइगर रिजर्व लखीमपुर खीरी के साथ-साथ कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग, दुधवा टाइगर रिजर्व प्रभाग पलिया, दुधवा टाइगर रिजर्व बफर जोन, पीलीभीत टाइगर रिजर्व से क्षेत्रीय वन अधिकारी, उप प्रभागीय वन अधिकारी एवं वन्य जीव प्रतिपालक तथा पर्यटन रेंज का स्टाफ उपस्थित रहा।