चारधाम देवस्थानम प्रबंधन विधेयक 2019 पारित किए जाने का देवभूमि तीर्थ पुरोहित और हक-हकुकधारी महापंचायत ने तीव्र विरोध किया
नई दिल्ली --चारधाम देवस्थानम प्रबंधन विधेयक 2019 पारित किए जाने का देवभूमि तीर्थ पुरोहित और हक-हकुकधारी महापंचायत ने तीव्र विरोध किया है.। देहरादून में इस फैसले के खिलाफ महापंचायत की बैठक हुई। जिसमें सरकार के इस निर्णय पर आक्रोश जताते हुए सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी। महापंचायत के एक प्रतिनिधिमंडल अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष आनंद गिरी महाराज से भी मिला। जिन्होंने इस मुद्दे पर साथ देने का वादा किया।
मंगलवार की शाम विधेयक पारित होने के बाद देवभूमि तीर्थ पुरोहित, हक-हकुकधारी महापंचायत के अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल की अध्यक्षता में एक आपात बैठक बुलाई गई। जिसमें यह निर्णय लिया गया कि विधेयक को न्यायालय में चुनौती दी जाएगी। . न्यायालय में इसे चुनौती देने के लिए विधि विशेषज्ञों की 9 सदस्यीय कोर कमेटी का गठन किया जाएगा।
जल्द ही यह कोर कमेटी सभी तथ्यों का अध्ययन और विश्लेषण कर के नैनीताल हाईकोर्ट में केस दायर करेगी। सरकार के इस फैसले पर महामंत्री हरीश डिमरी ने कहा कि सरकार ने तीर्थ पुरोहितों और हक-हकुकधारियों के साथ विश्वासघात किया है। . विधेयक को जिस जल्दबाजी में सदन से पारित किया गया है उससे सरकार की मंशा पर संदेह होता है।
डिमरी ने कहा कि महापंचायत ने इसके विरोध में जो कार्यक्रम तय किए थे। इसी के मुताबिक पुरोहित और हक-हकुकधारी महापंचायत के बैनर तले विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक 18 दिसंबर को उत्तरकाशी में विशआक आक्रोश रैली और 20 दिसंबर को श्रीनगर में महारैली का आयोजन किया जाएगा।
महापंचायत के एक प्रतिनिधिमंडल ने हरिद्वार में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी से मुलाकात की है और उन्हें मौजूदा स्थिति के बारे में अवगत कराया है। तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि सरकार ने धोखे में रखकर इस विधेयक को सदन से पारित कराया है।